हैल्लों लेडिज, नारिछबि में आपका फिर से स्वागत है हमारी हमेशा कोशिश रहती है की आप के दैनिक जीवन में जो भी समास्याएं आती है, उनका समाधान एक ही जगह पर मिल जाये। आज का हमारा आर्टिकल उन मम्मीज के लिए है जिन्होंने अभी-अभी अपने जिगर के टुकड़े को जन्म दिया है। हमे पता है एक मां होने के नाते आप उसका बहुत ध्यान रखती होंगी खुद से ज्यादा आप उसकी हर चीजों का ख्याल करती होंगी। (Best time to Breastfeed Baby)
परन्तु अक्सर नई माँ बनने वाली लेडिज को यह नहीं समझ आ पाता की क्या करना सही है और क्या करना गलत है। उन्हें हमेशा यह बात सताती रहती है की उनकी किसी गलती से उनके बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़ जाए इसलिए वह हर काम बड़ी सावधानी से करती है जो की जरुरी भी है।
माता पिता अपने बच्चे की हर चीज का ध्यान रखते है लेकिन माँ होने के नाते आपको हमेशा यह चिंता रहती है की उसे सही पोषण मिले और एक नए जन्मे बच्चें का सारा पोषण माँ के दूध पर ही निर्भर करता है इसलिए माँ अक्सर बच्चे के रोने पर या फिर समय का ध्यान न रखकर उसे दूध पिलाना शुरू कर देती है और कई माँ तो बच्चा सो रहा होता है तो भी उसे दूध पिलाने लगती है।
माँ को लगता है की हर थोड़े अंतराल में दूध के सेवन से बच्चा हेल्थी रहेगा लेकिन नहीं, क्योंकि आपको नहीं पता है की आपकी यह आदत आपके लाडले को पोषण देने के बजाय उसे नुकसान पहुंचा देगी। यह एक बेहद ही जरुरी और गंभीर विषय है इस पर सही जानकारी होना जरुरी है। चलिए नीचे जानते है कैसे यह आदत आपके बच्चें की सेहत ख़राब करती है –
Best time to Breastfeed Baby –
क्या आप भी ऐसा ही सोचती और करती है
माँ को हमेशा यह चिंता रहती है की बच्चा भूखा तो नहीं यहीं सोचकर वह उसे थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पिलाती रहती है लेकिन हर बच्चे के साथ ऐसा नहीं है कि उसे भी हर थोड़े समय में दूध पिलाया जाए। यदि कोई बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ पैदा हुआ है तो उसे 3 दिन तक थोड़े समय के अंतराल में दूध पिलाया जाना चाहिए जबकि यदि कोई बच्चा प्री मैच्योर जन्म लेता है तो उसे जन्म के 14 दिन तक थोड़े समय के अंतराल में दूध पिलाया जाना चाहिए व इतने समय के बाद फिर बच्चे को 3 घंटे के अंतराल में दूध पिलाना पर्याप्त है।
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चार महीने के बाद ये हो दूध पिलाने का अंतराल
यदि बच्चा 4 महीने का पूर्ण हो गया है तो उसे हर 4 घंटे के बाद दूध पिलाया जाना चाहिए। अक्सर पेरेंट्स को ऐसा लगता है की यदि उनके लाडले का पेट भरा हुआ रहेगा तो उसकी ग्रोथ अच्छी होगी लेकिन नहीं जब तक बच्चा दूध के लिए रोये नहीं तब तक उसे जबरदस्ती दूध न पिलाये। यह उसके पाचन को ख़राब करेगा।
एक साल के बाद
एक साल का बच्चा भोजन (दलिया,फ्रूट,घोटी हुई सब्जियां,दाल का पानी) लेने लगता है इसलिए यदि उसे रात में सोने से कुछ समय पहले ही दूध पिला दिया जाए तो भी बेहतर है। इससे बच्चा रात भर आराम से सो सकेगा पर उसे आधी रात में दूध न पिलाये। इससे उसका पाचन और दांत दोनों ख़राब होने लगेंगे इसलिए इस डर से की बच्चा रात में उठकर रोने न लगे यह सोचकर अपने मन की संतुष्टि के लिए बच्चे को जबरदस्ती दूध न पिलाये।
क्या है इसका नुकसान
याद रखे की बच्चें के सोते रहने पर और उसे कच्ची नींद में से उठाकर दूध नहीं पिलाया जाना चाहिए। इससे उसके नींद में परेशानी आती है क्योंकि दूध पीते समय उनकी नींद ख़राब होती है जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। छोटे बच्चे के लिए नींद बेहद जरुरी है, उनका नींद में ही बेहतर विकास होता है। नींद में दूध पिलाने से बच्चे के दांतों पर भी ख़राब प्रभाव पड़ता है क्योकि दूध में शक्कर होने के करना यह बच्चे के मुंह में बहुत समय तक रहती है और दांतों को सड़ा देती है व इससे बच्चे को भविष्य में डायबिटीज होने का भी खतरा होता है।
आपने जाना –
Best time to Breastfeed Baby में आपने जाना की बच्चों को कब दूध पिलाना सही रहता है और कब दूध के सेवन से उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उम्मीद करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो प्लीज इसे अपने उन महिला मित्रों के साथ शेयर जरुर करे जिन्होंने हाल ही में माँ बनने का सौभाग्य प्राप्त किया है ताकि वे अपनी नन्ही सी जान का अच्छे से ध्यान रख सके।
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