Buddha Purnima in Hindi

बुद्ध पूर्णिमा क्या होती है और भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में क्या कर्म किये थे जो उन्हें महानता का दर्जा प्राप्त हुआ। (Buddha Purnima 2022 in Hindi) हिंदी कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा के दिन ही माह की समाप्ति होती है। वैशाख के महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के लिए भी जाना जाता है


आज हम एकबार फिर आपके लिए लाये है एक बहुत ही जरुरी व धार्मिक आर्टिकल। हम उम्मीद करते है आपको हमारे पुरानें आर्टिकल पसंद आये होंगे। आपके इसी स्नेह और साथ के लिए आपका शुक्रिया… चलिए अब आते है अपने आज के आर्टिकल पर। आज का हमारा आर्टिकल मुख्य तौर पर बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) पर आधारित है। आज हम भगवान बुद्ध के बारे में जानेगे व साथ इस पूर्णिमा का क्या महत्त्व है ये भी हम आपको बताएँगे।

चलिए शुरू करते है इस बात से की बुद्ध पूर्णिमा क्या होती है और भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में क्या कर्म किये थे जो उन्हें महानता का दर्जा प्राप्त हुआ। (Buddha Purnima 2022 in Hindi)

पूर्णिमा हर माह में पड़ती है हिंदी कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा के दिन ही माह की समाप्ति होती है। वैशाख के महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के लिए भी जाना जाता है। बौद्ध धर्म के लिए यह पूर्णिमा बहुत खास होती है क्योकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना करी थी इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Jayanti 2022) का भी नाम दिया गया है परन्तु बौद्ध धर्म के साथ हिन्दू धर्म के लिए भी वैशाख का यह महिना बहुत ही पवित्र और महत्त्व का है इसी दिन वे लोग वैशाख की पूर्णिमा का व्रत धारण करते है और पूजा-आराधना करते है।

भगवान बुद्ध (Gautam Buddha | Buddha Purnima 2022 in Hindi)

इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध (Mahatma Gautam Buddha) ने दिव्य ज्ञान की प्राप्ति भी की थी। सिर्फ भारत देश ही नहीं बल्कि श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे अन्य देशों में भी बौद्ध समुदाय द्वारा इस पर्व को मनाया जाता है। त्यौहार के दिन, बोधगया में महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Mandir) को बड़े सुन्दर तरीके से सजाया जाता है व इस वृक्ष के निचे खड़े होकर प्रार्थना की जाती है। इस दिन चावल की खीर भी बनाने की परम्परा है।

इसी दिन

  • थेरवाद त्रिपिटक शास्त्रों के अनुसार 563 ईसा पूर्व में, लुंबिनी में गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) का जन्म हुआ था।
  • आज लुंबिनी नेपाल देश का हिस्सा है। 1999 में, वेसाक के उत्सव को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मान्यता मिली थी।
  • वेसाक बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
  • इस दिन बौद्ध समुदाय के लोग बुद्ध के जन्म और ज्ञानोदय का जश्न मनाते है।

वैसे इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 16 मई को पड़ रही है। क्या आपको पता है है भगवान बुद्ध कौन थे? कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु के 9 वें अवतार थे जिनके द्वारा ही बौद्ध समुदाय की शुरुआत हुई थी।

इस वर्ष पूर्णिमा की तिथि 15 मई की रात्रि 12:45 से शुरू होकर 16 मई की रात्रि 09:45 तक रहेगी

बुद्ध पूर्णिमा महत्त्व (Buddha Purnima 2022 in Hindi) –

इस पूर्णिमा पर हिन्दू धर्म के लोग भगवान विष्णु और चन्द्रदेव की पूजा की जाती है व कई लोग इस पूर्णिमा पर व्रत का संकल्प भी करते है। इसके साथ ही बौद्ध धर्म के लोग भगवान बुद्ध से मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना भी करते है। मान्यता है की इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान भक्तो को मनवांछित फल की प्राप्ति का आशीवार्द देते है जिससे कार्य में सफलता मिलती है। (Buddha Purnima 2022 in Hindi)

कैसे मनाया जाता है यह पर्व (How to celebrated Buddha Purnima) –

  • यह दिन बौद्ध धर्म (Buddhism) को मानने वाले अनुयायीओं के लिए बहुत ही महत्त्व का और खास दिन होता है।
  • इस दिन वे लोग घरो को अच्छे से सजाकर दियें जलाते है।
  • इस दिन पूरी दुनिया से बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग बोधगया आते है।
  • बौद्ध धर्म ग्रंथो का भी पठन इस दिन होता है।
  • भगवान बुद्ध की मूर्ति को फलों और फूलों से सजाया जाता है व दीपक से आरती भी की जाती है।
  • इसके अतिरिक्त बोधिवृक्ष की भी पूजा करने का विधान है।

आइये जाने भगवान बुद्ध के बारे में कुछ चंद बातें (Interesting Fact about Gautama Buddha)

  • आपको पता होगा की भगवान बुद्ध का पूरा नाम सिद्धार्थ गौतम (Siddharth Gautam) था। परन्तु क्या आपको पता है की उनके माता पिता का क्या नाम था। आपको बता दे की उनकी माता का नाम महामाया और पिता का नाम शुध्दोधन था।
  • उनकी माँ की मृत्यु के बाद उनका पालन पोषण उनकी मौसी के द्वारा किया गया था जिनका नाम प्रजापति गौतमी था।
  • सांसारिक समस्याओं से परेशान होकर उन्होंने आत्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए 29 वर्ष की आयु में घर भी छोड़ दिया था। इस त्याग को बौद्ध धर्म में “महाभिनिश्करमण” की संज्ञा दी गई है।
  • भगवान बुद्ध को 35 वर्ष की आयु में गया के समीप अंजना नदी के पास एक पीपल के पेड़ के निचे 49 वें दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी के बाद वें सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध कहलाये थे।
  • गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद वाराणसी के सारनाथ में 5 पंडितों और साधुओं को अपना पहला धर्म उपदेश दिया था।

Unknown Facts about Buddha –

  • बौद्ध धर्म की स्थापना के बाद महात्मा बुद्ध ने तपस और मलक नाम के दो शूद्रों को सर्वप्रथम बौद्ध धर्म अनुयायी बनाया।
  • इस धर्म के अनुयायी मास के विशेष चार दिनों पर व्रत करते है जिसमे अमावस्या, पूर्णिमा व दोनों चतुर्थियाँ शामिल है।
  • बौद्ध धर्म का सबसे मुख्य त्यौहार वैशाख की पूर्णिमा है जिसे बौद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
  • महात्मा बुद्ध के सबसे प्रमुख शिष्यों का नाम शारिपुत्र, सुभूति, अनुरूध्द, उपालि और आनन्द थे ये वे 5 प्रमुख शिष्य थे जो महात्मा बुद्ध के मुख्य शिष्यों में शामिल थे।
  • बौद्ध धर्म के दो सबसे प्रमुख संप्रदाय हीनयान और महायान माने गए है जिसमे से हीनयान संप्रदाय के अधिकतर लोग श्री लंका, म्यामार और जावा आदि देशो में है व महायान संप्रदाय के ज्यादातर आबादी चीन कोरिया, मगोलिया और जापान बसी हुई है।
  • इस धर्म का आधार चार आर्य सत्य है – दुःख, समुदय, निरोध, मार्ग।
  • एक अनुश्रुति के अनुसार उनके मृत्यु के बाद बुद्ध के शरीर के अवशेषों को आठ भागों में बांटा गया था फिर इनसे आठ स्तूपों का निर्माण करवाया गया था।
  • महात्मा बुद्ध के मृत्यु 483 ई.सा. पूर्व को 80 वर्ष की आयु में उ.प्र. के कुशीनगर में हुई थी।

आपने जाना –

Buddha Purnima 2022 in Hindi में आज के विशेष आर्टिकल में आपने जानी भगवान बुद्ध के सम्बन्ध में कुछ दिलचस्प बातें साथ ही आपने यह भी जाना की बुद्ध पूर्णिमा का महत्व क्या है और इसे कैसे और कहाँ मनाया जाता है। उम्मीद करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो प्लीज इसे शेयर करना न भूले।


इसी तरह आप अपने पसंदीदा ब्लॉग को Instagram पर Follow, YouTube पर Subscribe, Facebook Page को Like और Telegram चैनल को Join भी कर सकते है।

Must Visit –

DISCLAIMER

हम अपने इस पोस्ट के जरिये केवल आप तक सही, आपके लिए सुरक्षित और विशेषज्ञों द्वारा जाँच किये हुए नुस्खे को व जानकारी देने का प्रयास कर रहे है लेकिन इसके बावजूद किसी home remedy, tips या hacks अजमाने व किसी fitness tips को follow or try करने से पहले आप अपने डॉक्टर से advice जरुर ले लेवे। किसी भी शिकायत या feedback देने के लिए नारिछबी के contact us में जाकर मेल करके आप हमसे संपर्क कर सकते है।