अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) जिसे कुछ लोग आखा तीज के नाम से भी जानते है। आइये जाने आखा तीज क्या होती है व साथ ही क्यों, कहाँ, कब और कैसे मनाई जाती है
इस भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है इसी दिन भगवान परशुराम जी का जन्म भी हुआ था। इस दिन कोई शुभ कर्म करने से अक्षय फल मिलता है जिसका कभी नाश नहीं हो सकता है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) हर वर्ष वैशाख के माह के शुक्ल पक्ष के तीसरी (तृतीया) तिथि को मनाया जाती है।
भगवान परशुराम का प्रकट उत्सव
गंगा का धरती पर आगमन
कृष्ण और सुदामा का मिलन
हिन्दू धर्म व जैन धर्म के लोग अक्षय तृतीया को विशेष तौर पर मानते है।
दान धर्म किये जाते है
शुभ कार्यों को किया जाता है
सोना ख़रीदा जाता है
लक्ष्मीनारायण की पूजा का विधान है।
व्रत भी धारण किया जाता है।
पित्तरों से आशीर्वाद प्राप्त होता है।